World Iodine Deficiency Day: इन बीमारियों से बचना है तो रोज सही मात्रा में खाएं आयोडीन युक्त नमक

World Iodine Deficiency Day: इन बीमारियों से बचना है तो रोज सही मात्रा में खाएं आयोडीन युक्त नमक

रोहित पाल

आज 21 अक्टूबर है और हर साल इस दिन को वर्ल्ड आयोडीन डिफसिऐंसी डे के रूप में मनाया जाता है। आयोडीन शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह दिन इसलिए मनाया जाता है ताकि लोग शरीर में आयोडीन की आवशयकता को समझ सकें। आयोडीन शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण मिनरल्स है। यह शरीर में थायरॉइड हार्मोन को पैदा करता है जो कि भ्रूण व बच्चों के विकास में मदद करता है। आयोडीन हमारी सेहत के लिए एक बेहद जरूरी माइक्रोन्यूट्रिऐंट है। इसकी जरूरत शरीर में थायरॉइड फंक्शन को नॉर्मल तरीके से चलाने, फिजीकल और मेंटल ग्रोथ के लिए होती है। शरीर में आयोडीन की कमी कई तरह की बीमारियों की वजह बन सकती है। इनमें आयोडीन डिफसिऐंसी सिंड्रॉम भी शामिल है।

आयोडीन की कमी से लोगों में वजन बढ़ने की समस्या हो जाती है। क्योंकि थायराइड हार्मोन की कमी के कारण होने वाली समस्या जिसको "हाइपोथायरायडिज्म" कहा जाता है, जिससे व्यक्ति की मेटाबॉलिज्म की गति धीमी हो जाती है और कैलोरी चर्बी के रूप में जमा होने लगती है जो मोटापे का कारण बनती है। इसके आलावा आयोडीन की कमी से व्यक्ति में कमजोरी महसूस होने लगती है। इसके आलावा आयोडीन की कमी से बालों का झड़ना, त्वचा में रूखापन, ह्रदय संबंधी बीमारियां, मानसिक विकास में कमी, गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं आदि समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

आयोडीन की कमी से बच्चों पर बहुत प्रभाव पड़ता है। किसी भी बच्चे को आयोडीन की दो तरह से सबसे अधिक प्रभावित करती है। पहली बार तब, जब गर्भवती महिला में आयोडीन की कमी हो तो बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास पर असर पड़ता है। वहीं, बचपन में पूरा पोषण नहीं मिलने के कारण भी बच्चे इस तरह की बीमारियों से ग्रसित होते हैं। महिलाओं में आयोडीन की कमी या आयोडीन डिफसिऐंसी डिसऑर्डर क्रेटिनिज्म, स्टिलबर्थ और मिसकैरेज का कारण हो सकता है। यहां तक कि गर्भावस्था के दौरान आयोडीन की थोड़ी कमी भी बच्चे की सीखने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है।

आयोडीन डिफसिऐंसी डिसऑर्डर पूरी दुनिया में पाई जानेवाली एक गंभीर समस्या है। आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 1.5 बिलियन लोग आयोडीन डिफसिऐंसी डिसऑर्डर के खतरे से जूझ रहे हैं। वहीं सूत्रों के अनुसार, हमारे देश में 200 मिलियन से अधिक लोगों के इस खतरे की चपेट में आने की आशंका है जबकि 71 मिलियन लोग इस डिसऑर्डर से पीड़ित हैं। हालांकि इस तरह के डिसऑर्डर की रोकथाम करना बहुत आसान है। इसका सबसे सरल तरीका है रोज आयोडीन युक्त नमक का सीमित मात्रा में सेवन करना।

 

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